देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ ।
अब तो कृपा कर दीजिए,
जनम जनम का साथ ।
मेरे सर पर रख बनवारी,
अपने दोनों यह हाथ ॥
देने वाले श्याम प्रभु से,
धन और दौलत क्या मांगे ।
श्याम प्रभु से मांगे तो फिर,
नाम और इज्ज़त क्या मांगे ।
मेरे जीवन में अब कर दे,
तू कृपा की बरसात ॥
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ ॥
श्याम तेरे चरणों की धूलि,
धन दौलत से महंगी है ।
एक नज़र कृपा की बाबा,
नाम इज्ज़त से महंगी है ।
मेरे दिल की तम्मना यही है,
करूँ सेवा तेरी दिन रात ॥
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ ॥
झुलस रहें है गम की धुप में,
प्यार की छईया कर दे तू ।
बिन माझी के नाव चले ना,
अब पतवार पकड़ ले तू ।
मेरा रास्ता रौशन कर दे,
छायी अन्धिआरी रात ॥
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ ॥
सुना है हमने शरणागत को,
अपने गले लगाते हो ।
ऐसा हमने क्या माँगा जो,
देने से घबराते हो ।
चाहे जैसे रख बनवारी,
बस होती रहे मुलाक़ात ॥
देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ ॥
देने वाले श्याम प्रभु से,
धन और दौलत क्या मांगे ।
श्याम प्रभु से मांगे तो फिर,
नाम और इज्ज़त क्या मांगे ।
मेरे जीवन में अब कर दे,
तू कृपा की बरसात ॥
देना हो तो दीजिए भजन विवरण
गाना: देना हो तो दीजिये जन्म का साथ मेरे सर पर रख दो बाबा अपने ये दोनो हाथ
संगीतकार: दिनेश
लेखक: जय शंकर चौधरी
श्रेणी : हिंदी भक्ति (श्याम भजन)
गीत “देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ” एक सुंदर और आत्मा को छू लेने वाला भजन है जो गहरे गीतों और सुरीले संगीत के साथ सुनने वालों के दिलों को छू जाता है। इसमें आध्यात्मिक उपयोगीता होती है और इसे भक्ति, समर्पण और अनंत साथीता के मूल्यों के साथ जोड़ा जा सकता है।
यह गीत लांघने की लालसा और भगवान के प्रति प्रार्थनामय विनती को संकलित करता है, जो समय और अस्तित्व की सीमाओं को पार करते हुए एक जीवनभर की साथीता की प्रार्थना करता है। यह एक तोड़ती हुई और अनंत संबंध की इच्छा को व्यक्त करता है, जो जन्म और मृत्यु के चक्र को भ्रमण करती है। गीत के बोल एक आकांक्षा, भक्ति और ऊँची शक्ति की ओर एक विनती की भावना को जगाते हैं।
इसकी मोहक ध्वनि और दिलों को छूने वाले शब्दों के माध्यम से, यह गीत परमात्मा के साथ एकता की भावना को जागृत करता है और जीवन की यात्रा में आध्यात्मिक संबंध की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। यह याद दिलाता है कि सच्ची साथीता पवित्र के साथीता में स्थान है, जो आराम, शक्ति और मार्गदर्शन प्रदान करता है।
भजन “देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ” सुंदरता और संगीती की प्रशंसा करते हुए आत्मिक उत्साह के साथ अनगिनत भक्तों के दिलों को छू चुका है, आध्यात्मिक आनंद और जागरण की वातावरण बनाते हुए। यह श्रद्धा, भक्ति और पवित्रता के अभिव्यक्ति के रूप में अमर है और सदैवी तत्वाधान में चिरस्थायी ख़्याली है
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