द्रौपदी के बारे में कुछ अज्ञात और दिलचस्प बातें
द्रौपदी का कभी बचपन नहीं था क्योंकि वह कभी बच्ची नहीं थी। उनके पिता, पांचाल के राजा, ने द्रौपदी को हवन की आग से उत्पन्न किया था
उन्हें "अग्नि पुत्री" के नाम से जाना जाता है।उनके पिता ने उन्हें द्रोण से बदला लेने के लिए बनाया था
पाँचली के अग्नि से निकलने से पहले धृष्टद्युम्न, उसका जुड़वां भाई आग से निकला था।
अपने अपमान का बदला लेने के लिए द्रोण ने पांडवों और द्रुपद का युद्ध कराया, जहां अर्जुन ने द्रुपद को हराया।
द्रौपदी के स्वयमवर में अर्जुन ने पानी में मछली का प्रतिबिम्ब देख कर उसकी आँख में बाण मारा था
वस्त्रहरण के समय उन्होंने श्री कृष्णा से प्रार्थना करी। दुशासन उनके वस्त्र खींचता रहा परंतु उनको निर्वस्त्र न कर सका
उन्होंने युधिष्ठिर से प्रतिविंध्य, अर्जुन से श्रुतकर्मन, भीम से सुतसोम, नकुल से सतिका और सहदेव से श्रुतसेन को जन्म दिया।
द्रौपदी को यज्ञसेनी, पांचाली, पारशती, सैरंध्री, नित्ययुवानी, मालिनी, कृष्णा के नामों से भी जाना जाता है
पांडव के वनवास के दौरान श्री कृष्ण ने उन्हें अक्षय पात्र दिया, जो खाना द्रौपदी के भोजन करने तक समाप्त नहीं होता था
स्वर्ग में प्रस्थान करने के दौरान हिमालय में द्रौपदी का पैर फिसला और उनकी मृत्यु हो गयी।
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